रामायणम् — 5.50.8
Original
Segmented
कथम् च धर्म-अर्थ-विनीत-बुद्धिः परावर-प्रत्यय-निश्चित-अर्थः भवद्विधः कोप-वशे हि तिष्ठेत् कोपम् नियच्छन्ति हि सत्त्ववन्तः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कथम् | कथम् | pos=i |
च | च | pos=i |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
विनीत | विनी | pos=va,comp=y,f=part |
बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
परावर | परावर | pos=n,comp=y |
प्रत्यय | प्रत्यय | pos=n,comp=y |
निश्चित | निश्चि | pos=va,comp=y,f=part |
अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवद्विधः | भवद्विध | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कोप | कोप | pos=n,comp=y |
वशे | वश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
हि | हि | pos=i |
तिष्ठेत् | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
कोपम् | कोप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
नियच्छन्ति | नियम् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
हि | हि | pos=i |
सत्त्ववन्तः | सत्त्ववत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |