Original

अनन्तरत्ननिचयं निधिजालं समन्ततः ।धीरनिष्ठितकर्मान्तं गृहं भूतपतेरिव ॥ ३७ ॥

Segmented

अनन्त-रत्न-निचयम् निधि-जालम् समन्ततः धीर-निष्ठित-कर्मान्तम् गृहम् भूतपतेः इव

Analysis

Word Lemma Parse
अनन्त अनन्त pos=a,comp=y
रत्न रत्न pos=n,comp=y
निचयम् निचय pos=n,g=n,c=2,n=s
निधि निधि pos=n,comp=y
जालम् जाल pos=n,g=n,c=2,n=s
समन्ततः समन्ततः pos=i
धीर धीर pos=a,comp=y
निष्ठित निष्ठा pos=va,comp=y,f=part
कर्मान्तम् कर्मान्त pos=n,g=n,c=2,n=s
गृहम् गृह pos=n,g=n,c=2,n=s
भूतपतेः भूतपति pos=n,g=m,c=6,n=s
इव इव pos=i