रामायणम् — 5.46.59
Original
Segmented
यथाक्रमम् तैः स कपिः च पृष्टः कार्य-अर्थम् अर्थस्य च मूलम् आदौ निवेदयामास हरि-ईश्वरस्य दूतः सकाशाद् अहम् आगतो ऽस्मि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथाक्रमम् | यथाक्रमम् | pos=i |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कपिः | कपि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
पृष्टः | प्रच्छ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
कार्य | कार्य | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अर्थस्य | अर्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
मूलम् | मूल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आदौ | आदि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
निवेदयामास | निवेदय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
ईश्वरस्य | ईश्वर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दूतः | दूत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सकाशाद् | सकाश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
आगतो | आगम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |