रामायणम् — 5.46.33
Original
Segmented
ततो मतिम् राक्षस-राज-सूनुः चकार तस्मिन् हरि-वीर-मुख्ये अवध्य-ताम् तस्य कपेः समीक्ष्य कथम् निगच्छेद् इति निग्रह-अर्थम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततो | ततस् | pos=i |
मतिम् | मति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
राक्षस | राक्षस | pos=n,comp=y |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
सूनुः | सूनु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चकार | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
वीर | वीर | pos=n,comp=y |
मुख्ये | मुख्य | pos=a,g=m,c=7,n=s |
अवध्य | अवध्य | pos=a,comp=y |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
कपेः | कपि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
कथम् | कथम् | pos=i |
निगच्छेद् | निगम् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
इति | इति | pos=i |
निग्रह | निग्रह | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |