रामायणम् — 5.46.27
Original
Segmented
स तस्य तत् स्यन्दन-निःस्वनम् च मृदङ्ग-भेरी-पटह-स्वनम् च विकृष्यमाणस्य च कार्मुकस्य निशम्य घोषम् पुनः उत्पपात
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स्यन्दन | स्यन्दन | pos=n,comp=y |
निःस्वनम् | निःस्वन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
मृदङ्ग | मृदङ्ग | pos=n,comp=y |
भेरी | भेरी | pos=n,comp=y |
पटह | पटह | pos=n,comp=y |
स्वनम् | स्वन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
विकृष्यमाणस्य | विकृष् | pos=va,g=n,c=6,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
कार्मुकस्य | कार्मुक | pos=n,g=n,c=6,n=s |
निशम्य | निशामय् | pos=vi |
घोषम् | घोष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
उत्पपात | उत्पत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |