रामायणम् — 5.46.21
Original
Segmented
समागताः तत्र तु नाग-यक्षाः महा-ऋषयः चक्रचराः च सिद्धाः नभः समावृत्य च पक्षि-संघाः विनेदुः उच्चैः परम-प्रहृष्टाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समागताः | समागम् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तत्र | तत्र | pos=i |
तु | तु | pos=i |
नाग | नाग | pos=n,comp=y |
यक्षाः | यक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
ऋषयः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
चक्रचराः | चक्रचर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
सिद्धाः | सिद्ध | pos=n,g=m,c=1,n=p |
नभः | नभस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
समावृत्य | समावृ | pos=vi |
च | च | pos=i |
पक्षि | पक्षिन् | pos=n,comp=y |
संघाः | संघ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विनेदुः | विनद् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
उच्चैः | उच्चैस् | pos=i |
परम | परम | pos=a,comp=y |
प्रहृष्टाः | प्रहृष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |