Original

स तं समासाद्य हरिं हरीक्षणो युगान्तकालाग्निमिव प्रजाक्षये ।अवस्थितं विस्मितजातसंभ्रमः समैक्षताक्षो बहुमानचक्षुषा ॥ ८ ॥

Segmented

स तम् समासाद्य हरिम् हरि-ईक्षणः युगान्त-काल-अग्निम् इव प्रजा-क्षये अवस्थितम् विस्मित-जात-सम्भ्रमः समैक्षत अक्षः बहु-मान-चक्षुषा

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
समासाद्य समासादय् pos=vi
हरिम् हरि pos=n,g=m,c=2,n=s
हरि हरि pos=a,comp=y
ईक्षणः ईक्षण pos=n,g=m,c=1,n=s
युगान्त युगान्त pos=n,comp=y
काल काल pos=n,comp=y
अग्निम् अग्नि pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
प्रजा प्रजा pos=n,comp=y
क्षये क्षय pos=n,g=m,c=7,n=s
अवस्थितम् अवस्था pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
विस्मित विस्मि pos=va,comp=y,f=part
जात जन् pos=va,comp=y,f=part
सम्भ्रमः सम्भ्रम pos=n,g=m,c=1,n=s
समैक्षत समीक्ष् pos=v,p=3,n=s,l=lan
अक्षः अक्ष pos=n,g=m,c=1,n=s
बहु बहु pos=a,comp=y
मान मान pos=n,comp=y
चक्षुषा चक्षुस् pos=n,g=n,c=3,n=s