रामायणम् — 5.45.28
Original
Segmented
पराक्रम-उत्साह-विवृद्ध-मानसः समीक्षते माम् प्रमुख-आगतः स्थितः पराक्रमो हि अस्य मनांसि कम्पयेत् सुर-असुराणाम् अपि शीघ्र-कारिणः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पराक्रम | पराक्रम | pos=n,comp=y |
उत्साह | उत्साह | pos=n,comp=y |
विवृद्ध | विवृध् | pos=va,comp=y,f=part |
मानसः | मानस | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समीक्षते | समीक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
प्रमुख | प्रमुख | pos=a,comp=y |
आगतः | आगम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स्थितः | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पराक्रमो | पराक्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मनांसि | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
कम्पयेत् | कम्पय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सुर | सुर | pos=n,comp=y |
असुराणाम् | असुर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
शीघ्र | शीघ्र | pos=a,comp=y |
कारिणः | कारिन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |