रामायणम् — 5.45.2
Original
Segmented
स तस्य दृष्टि-अर्पण-सम्प्रचोदितः प्रतापवान् काञ्चन-चित्र-कार्मुकः समुत्पपात अथ सदसि उदीरितः द्विजाति-मुख्यैः हविषा इव पावकः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दृष्टि | दृष्टि | pos=n,comp=y |
अर्पण | अर्पण | pos=n,comp=y |
सम्प्रचोदितः | सम्प्रचोदय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रतापवान् | प्रतापवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
काञ्चन | काञ्चन | pos=n,comp=y |
चित्र | चित्र | pos=a,comp=y |
कार्मुकः | कार्मुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समुत्पपात | समुत्पत् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अथ | अथ | pos=i |
सदसि | सदस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
उदीरितः | उदीरय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
द्विजाति | द्विजाति | pos=n,comp=y |
मुख्यैः | मुख्य | pos=a,g=m,c=3,n=p |
हविषा | हविस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
इव | इव | pos=i |
पावकः | पावक | pos=n,g=m,c=1,n=s |