रामायणम् — 5.4.7
Original
Segmented
तन्त्री-स्वनाः कर्ण-सुखाः प्रवृत्ताः स्वपन्ति नार्यः पतिभिः सु वृत्ताः नक्तंचराः च अपि तथा प्रवृत्ता विहर्तुम् अत्यद्भुत-रौद्र-वृत्ताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तन्त्री | तन्त्री | pos=n,comp=y |
स्वनाः | स्वन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कर्ण | कर्ण | pos=n,comp=y |
सुखाः | सुख | pos=a,g=m,c=1,n=p |
प्रवृत्ताः | प्रवृत् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
स्वपन्ति | स्वप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
नार्यः | नारी | pos=n,g=f,c=1,n=p |
पतिभिः | पति | pos=n,g=m,c=3,n=p |
सु | सु | pos=i |
वृत्ताः | वृत्त | pos=n,g=f,c=1,n=p |
नक्तंचराः | नक्तंचर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
तथा | तथा | pos=i |
प्रवृत्ता | प्रवृत् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
विहर्तुम् | विहृ | pos=vi |
अत्यद्भुत | अत्यद्भुत | pos=a,comp=y |
रौद्र | रौद्र | pos=a,comp=y |
वृत्ताः | वृत्त | pos=n,g=m,c=1,n=p |