Original

या भाति लक्ष्मीर्भुवि मन्दरस्था तथा प्रदोषेषु च सागरस्था ।तथैव तोयेषु च पुष्करस्था रराज सा चारुनिशाकरस्था ॥ ३ ॥

Segmented

या भाति लक्ष्मीः भुवि मन्दर-स्था तथा प्रदोषेषु च सागर-स्था तथा एव तोयेषु च पुष्कर-स्था रराज सा चारु-निशाकर-स्था

Analysis

Word Lemma Parse
या यद् pos=n,g=f,c=1,n=s
भाति भा pos=v,p=3,n=s,l=lat
लक्ष्मीः लक्ष्मी pos=n,g=f,c=1,n=s
भुवि भू pos=n,g=f,c=7,n=s
मन्दर मन्दर pos=n,comp=y
स्था स्थ pos=a,g=f,c=1,n=s
तथा तथा pos=i
प्रदोषेषु प्रदोष pos=n,g=m,c=7,n=p
pos=i
सागर सागर pos=n,comp=y
स्था स्थ pos=a,g=f,c=1,n=s
तथा तथा pos=i
एव एव pos=i
तोयेषु तोय pos=n,g=n,c=7,n=p
pos=i
पुष्कर पुष्कर pos=n,comp=y
स्था स्थ pos=a,g=f,c=1,n=s
रराज राज् pos=v,p=3,n=s,l=lit
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
चारु चारु pos=a,comp=y
निशाकर निशाकर pos=n,comp=y
स्था स्थ pos=a,g=f,c=1,n=s