रामायणम् — 5.4.18
Original
Segmented
ततः प्रियान् प्राप्य मनः-अभिरामान् सुप्रीति-युक्ताः प्रसमीक्ष्य रामाः गृहेषु हृष्टाः परम-अभिरामाः हरि-प्रवीरः स ददर्श रामाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
प्रियान् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=p |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
मनः | मनस् | pos=n,comp=y |
अभिरामान् | अभिराम | pos=a,g=m,c=2,n=p |
सुप्रीति | सुप्रीति | pos=n,comp=y |
युक्ताः | युज् | pos=va,g=f,c=2,n=p,f=part |
प्रसमीक्ष्य | प्रसमीक्ष् | pos=vi |
रामाः | रामा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
गृहेषु | गृह | pos=n,g=n,c=7,n=p |
हृष्टाः | हृष् | pos=va,g=f,c=2,n=p,f=part |
परम | परम | pos=a,comp=y |
अभिरामाः | अभिराम | pos=a,g=f,c=2,n=p |
हरि | हरि | pos=n,comp=y |
प्रवीरः | प्रवीर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
रामाः | रामा | pos=n,g=f,c=2,n=p |