रामायणम् — 5.4.10
Original
Segmented
रक्षांसि वक्षांसि च विक्षिपन्ति गात्राणि कान्तासु च विक्षिपन्ति ददर्श कान्ताः च समालपन्ति तथा अपराः तत्र पुनः स्वपन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
रक्षांसि | रक्षस् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
वक्षांसि | वक्षस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
विक्षिपन्ति | विक्षिप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
गात्राणि | गात्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
कान्तासु | कान्ता | pos=n,g=f,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
विक्षिपन्ति | विक्षिप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कान्ताः | कान्ता | pos=n,g=f,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
समालपन्ति | समालप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
तथा | तथा | pos=i |
अपराः | अपर | pos=n,g=f,c=1,n=p |
तत्र | तत्र | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
स्वपन्ति | स्वप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |