Original

अभिज्ञानं च रामस्य दत्तं हरिगणोत्तम ।क्षिप्तामीषिकां काकस्य कोपादेकाक्षिशातनीम् ॥ ४ ॥

Segmented

अभिज्ञानम् च रामस्य दत्तम् हरि-गण-उत्तम क्षिप्ताम् ईषिकाम् काकस्य कोपाद् एक-अक्षि-शातनाम्

Analysis

Word Lemma Parse
अभिज्ञानम् अभिज्ञान pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
रामस्य राम pos=n,g=m,c=6,n=s
दत्तम् दा pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
हरि हरि pos=n,comp=y
गण गण pos=n,comp=y
उत्तम उत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
क्षिप्ताम् क्षिप् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
ईषिकाम् ईषिका pos=n,g=f,c=2,n=s
काकस्य काक pos=n,g=m,c=6,n=s
कोपाद् कोप pos=n,g=m,c=5,n=s
एक एक pos=n,comp=y
अक्षि अक्षि pos=n,comp=y
शातनाम् शातन pos=a,g=f,c=2,n=s