रामायणम् — 5.38.3
Original
Segmented
यथा तम् पुरुष-व्याघ्रम् गात्रैः शोक-अभिकर्शितैः संस्पृशेयम् स कामा अहम् तथा कुरु दयाम् मयि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथा | यथा | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पुरुष | पुरुष | pos=n,comp=y |
व्याघ्रम् | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
गात्रैः | गात्र | pos=n,g=n,c=3,n=p |
शोक | शोक | pos=n,comp=y |
अभिकर्शितैः | अभिकर्शय् | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
संस्पृशेयम् | संस्पृश् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
स | स | pos=i |
कामा | काम | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
दयाम् | दया | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |