रामायणम् — 5.37.30
Original
Segmented
तद् यथा तस्य विक्रान्तम् अनुरूपम् महात्मनः भवेद् आहव-शूरस्य तथा त्वम् उपपादय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विक्रान्तम् | विक्रान्त | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अनुरूपम् | अनुरूप | pos=a,g=n,c=1,n=s |
महात्मनः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
आहव | आहव | pos=n,comp=y |
शूरस्य | शूर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
उपपादय | उपपादय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |