Original

बाष्पपूर्णमुखी मन्दं चक्षुषी परिमार्जती ।लक्षिताहं त्वया नाथ वायसेन प्रकोपिता ॥ २१ ॥

Segmented

बाष्प-पूर्ण-मुखी मन्दम् चक्षुषी परिमार्जती लक्षिता अहम् त्वया नाथ वायसेन प्रकोपिता

Analysis

Word Lemma Parse
बाष्प बाष्प pos=n,comp=y
पूर्ण पूर्ण pos=a,comp=y
मुखी मुख pos=a,g=f,c=1,n=s
मन्दम् मन्द pos=a,g=n,c=2,n=s
चक्षुषी चक्षुस् pos=n,g=n,c=2,n=d
परिमार्जती परिमृज् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
लक्षिता लक्षय् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
नाथ नाथ pos=n,g=m,c=8,n=s
वायसेन वायस pos=n,g=m,c=3,n=s
प्रकोपिता प्रकोपय् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part