Original

भर्तुर्भक्तिं पुरस्कृत्य रामादन्यस्य वानर ।नाहं स्प्रष्टुं पदा गात्रमिच्छेयं वानरोत्तम ॥ ६२ ॥

Segmented

भर्तुः भक्तिम् पुरस्कृत्य रामाद् अन्यस्य वानर न अहम् स्प्रष्टुम् पदा गात्रम् इच्छेयम् वानर-उत्तम

Analysis

Word Lemma Parse
भर्तुः भर्तृ pos=n,g=m,c=6,n=s
भक्तिम् भक्ति pos=n,g=f,c=2,n=s
पुरस्कृत्य पुरस्कृ pos=vi
रामाद् राम pos=n,g=m,c=5,n=s
अन्यस्य अन्य pos=n,g=m,c=6,n=s
वानर वानर pos=n,g=m,c=8,n=s
pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
स्प्रष्टुम् स्पृश् pos=vi
पदा पद् pos=n,g=m,c=3,n=s
गात्रम् गात्र pos=n,g=n,c=2,n=s
इच्छेयम् इष् pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin
वानर वानर pos=n,comp=y
उत्तम उत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s