Original

क्षिप्रं द्रक्ष्यसि वैदेहि रामं प्रस्रवणे गिरौ ।शतक्रतुमिवासीनं नाकपृष्ठस्य मूर्धनि ॥ ३८ ॥

Segmented

क्षिप्रम् द्रक्ष्यसि वैदेहि रामम् प्रस्रवणे गिरौ शतक्रतुम् इव आसीनम् नाक-पृष्ठस्य मूर्धनि

Analysis

Word Lemma Parse
क्षिप्रम् क्षिप्रम् pos=i
द्रक्ष्यसि दृश् pos=v,p=2,n=s,l=lrt
वैदेहि वैदेही pos=n,g=f,c=8,n=s
रामम् राम pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रस्रवणे प्रस्रवण pos=n,g=m,c=7,n=s
गिरौ गिरि pos=n,g=m,c=7,n=s
शतक्रतुम् शतक्रतु pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
आसीनम् आस् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
नाक नाक pos=n,comp=y
पृष्ठस्य पृष्ठ pos=n,g=n,c=6,n=s
मूर्धनि मूर्धन् pos=n,g=m,c=7,n=s