रामायणम् — 5.33.71
Original
Segmented
दिष्ट्या हि न मम व्यर्थम् देवि सागर-लङ्घनम् प्राप्स्यामि अहम् इदम् दिष्ट्या त्वद्-दर्शन-कृतम् यशः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
हि | हि | pos=i |
न | न | pos=i |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
व्यर्थम् | व्यर्थ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
देवि | देवी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
सागर | सागर | pos=n,comp=y |
लङ्घनम् | लङ्घन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्राप्स्यामि | प्राप् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
दर्शन | दर्शन | pos=n,comp=y |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
यशः | यशस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |