रामायणम् — 5.33.62
Original
Segmented
तस्य तत् वचनम् श्रुत्वा संपातेः प्रीति-वर्धनम् अङ्गद-प्रमुखाः सर्वे ततः सम्प्रस्थिता वयम् त्वद्-दर्शन-कृत-उत्साहाः हृष्टाः तुष्टाः प्लवंगमाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
संपातेः | सम्पाति | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
वर्धनम् | वर्धन | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अङ्गद | अङ्गद | pos=n,comp=y |
प्रमुखाः | प्रमुख | pos=a,g=m,c=1,n=p |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ततः | ततस् | pos=i |
सम्प्रस्थिता | सम्प्रस्था | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
दर्शन | दर्शन | pos=n,comp=y |
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
उत्साहाः | उत्साह | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हृष्टाः | हृष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तुष्टाः | तुष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
प्लवंगमाः | प्लवंगम | pos=n,g=m,c=1,n=p |