रामायणम् — 5.33.35
Original
Segmented
ततस् त्वद्-गात्र-शोभिन् रक्षसा ह्रियमाणया यानि आभरण-जालानि पातितानि मही-तले
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततस् | ततस् | pos=i |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
गात्र | गात्र | pos=n,comp=y |
शोभिन् | शोभिन् | pos=a,g=n,c=2,n=p |
रक्षसा | रक्षस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
ह्रियमाणया | हृ | pos=va,g=f,c=3,n=s,f=part |
यानि | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
आभरण | आभरण | pos=n,comp=y |
जालानि | जाल | pos=n,g=n,c=1,n=p |
पातितानि | पातय् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
मही | मही | pos=n,comp=y |
तले | तल | pos=n,g=m,c=7,n=s |