रामायणम् — 5.33.30
Original
Segmented
निवेदितौ च तत्त्वेन सुग्रीवाय महात्मने तयोः अन्योन्य-सम्भाषात् भृशम् प्रीतिः अजायत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निवेदितौ | निवेदय् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
च | च | pos=i |
तत्त्वेन | तत्त्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
सुग्रीवाय | सुग्रीव | pos=n,g=m,c=4,n=s |
महात्मने | महात्मन् | pos=a,g=m,c=4,n=s |
तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
अन्योन्य | अन्योन्य | pos=n,comp=y |
सम्भाषात् | सम्भाष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अजायत | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |