रामायणम् — 5.32.19
Original
Segmented
अहो स्वप्नस्य सुखता या अहम् एवम् चिर-आहृता प्रेषितम् नाम पश्यामि राघवेण वनौकसम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अहो | अहो | pos=i |
स्वप्नस्य | स्वप्न | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सुखता | सुखता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
एवम् | एवम् | pos=i |
चिर | चिर | pos=a,comp=y |
आहृता | आहृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
प्रेषितम् | प्रेषय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
नाम | नाम | pos=i |
पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
राघवेण | राघव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वनौकसम् | वनौकस् | pos=n,g=m,c=2,n=s |