Original

किमर्थं तव नेत्राभ्यां वारि स्रवति शोकजम् ।पुण्डरीकपलाशाभ्यां विप्रकीर्णमिवोदकम् ॥ ३ ॥

Segmented

किमर्थम् तव नेत्राभ्याम् वारि स्रवति शोक-जम् पुण्डरीक-पलाश विप्रकीर्णम् इव उदकम्

Analysis

Word Lemma Parse
किमर्थम् किमर्थम् pos=i
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
नेत्राभ्याम् नेत्र pos=n,g=m,c=5,n=d
वारि वारि pos=n,g=n,c=1,n=s
स्रवति स्रु pos=v,p=3,n=s,l=lat
शोक शोक pos=n,comp=y
जम् pos=a,g=n,c=1,n=s
पुण्डरीक पुण्डरीक pos=n,comp=y
पलाश पलाश pos=n,g=n,c=3,n=d
विप्रकीर्णम् विप्रकृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
इव इव pos=i
उदकम् उदक pos=n,g=n,c=1,n=s