Original

शुश्राव मधुरं गीतं त्रिस्थानस्वरभूषितम् ।स्त्रीणां मदसमृद्धानां दिवि चाप्सरसामिव ॥ २४ ॥

Segmented

शुश्राव मधुरम् गीतम् त्रि-स्थान-स्वर-भूषितम् स्त्रीणाम् मद-समृद्धानाम् दिवि च अप्सरसाम् इव

Analysis

Word Lemma Parse
शुश्राव श्रु pos=v,p=3,n=s,l=lit
मधुरम् मधुर pos=a,g=n,c=2,n=s
गीतम् गीत pos=n,g=n,c=2,n=s
त्रि त्रि pos=n,comp=y
स्थान स्थान pos=n,comp=y
स्वर स्वर pos=n,comp=y
भूषितम् भूषय् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
स्त्रीणाम् स्त्री pos=n,g=f,c=6,n=p
मद मद pos=n,comp=y
समृद्धानाम् समृध् pos=va,g=f,c=6,n=p,f=part
दिवि दिव् pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
अप्सरसाम् अप्सरस् pos=n,g=f,c=6,n=p
इव इव pos=i