रामायणम् — 5.3.21
Original
Segmented
हसित-उद्घुः-निनदैः तूर्य-घोष-पुरःसरैः वज्राङ्कुश-निकाशैः च वज्र-जाल-विभूषितैः गृहमेधैः पुरी रम्या बभासे द्यौः इव अम्बुदैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हसित | हसित | pos=n,comp=y |
उद्घुः | उद्घुष् | pos=va,comp=y,f=part |
निनदैः | निनद | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तूर्य | तूर्य | pos=n,comp=y |
घोष | घोष | pos=n,comp=y |
पुरःसरैः | पुरःसर | pos=a,g=m,c=3,n=p |
वज्राङ्कुश | वज्राङ्कुश | pos=n,comp=y |
निकाशैः | निकाश | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
वज्र | वज्र | pos=n,comp=y |
जाल | जाल | pos=n,comp=y |
विभूषितैः | विभूषय् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
गृहमेधैः | गृहमेध | pos=n,g=m,c=3,n=p |
पुरी | पुरी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
रम्या | रम्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
बभासे | भास् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
द्यौः | दिव् | pos=n,g=,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अम्बुदैः | अम्बुद | pos=n,g=m,c=3,n=p |