Original

राममक्लिष्टकर्माणं स्वबन्धुमनुकीर्तयन् ।नैनामुद्वेजयिष्यामि तद्बन्धुगतमानसाम् ॥ ४१ ॥

Segmented

रामम् अक्लिष्ट-कर्माणम् स्व-बन्धुम् अनुकीर्तयन् न एनाम् उद्वेजयिष्यामि तद्-बन्धु-गत-मानसाम्

Analysis

Word Lemma Parse
रामम् राम pos=n,g=m,c=2,n=s
अक्लिष्ट अक्लिष्ट pos=a,comp=y
कर्माणम् कर्मन् pos=n,g=m,c=2,n=s
स्व स्व pos=a,comp=y
बन्धुम् बन्धु pos=n,g=m,c=2,n=s
अनुकीर्तयन् अनुकीर्तय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
pos=i
एनाम् एनद् pos=n,g=f,c=2,n=s
उद्वेजयिष्यामि उद्वेजय् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
तद् तद् pos=n,comp=y
बन्धु बन्धु pos=n,comp=y
गत गम् pos=va,comp=y,f=part
मानसाम् मानस pos=n,g=f,c=2,n=s