रामायणम् — 5.28.33
Original
Segmented
विमृशन् च न पश्यामि यो हते मयि वानरः शत-योजन-विस्तीर्णम् लङ्घयेत महा-उदधिम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विमृशन् | विमृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
न | न | pos=i |
पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हते | हन् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
वानरः | वानर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शत | शत | pos=n,comp=y |
योजन | योजन | pos=n,comp=y |
विस्तीर्णम् | विस्तृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
लङ्घयेत | लङ्घय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
उदधिम् | उदधि | pos=n,g=m,c=2,n=s |