Original

सा वीतशोका व्यपनीततन्द्री शान्तज्वरा हर्षविबुद्धसत्त्वा ।अशोभतार्या वदनेन शुक्ले शीतान्शुना रात्रिरिवोदितेन ॥ ८ ॥

Segmented

सा वीत-शोका व्यपनी-तन्द्रिः शान्त-ज्वरा हर्ष-विबुद्ध-सत्त्वा अशोभत आर्या वदनेन शुक्ले शीतांशुना रात्रिः इव उदितेन

Analysis

Word Lemma Parse
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
वीत वी pos=va,comp=y,f=part
शोका शोक pos=n,g=f,c=1,n=s
व्यपनी व्यपनी pos=va,comp=y,f=part
तन्द्रिः तन्द्रा pos=n,g=f,c=1,n=s
शान्त शम् pos=va,comp=y,f=part
ज्वरा ज्वर pos=n,g=f,c=1,n=s
हर्ष हर्ष pos=n,comp=y
विबुद्ध विबुध् pos=va,comp=y,f=part
सत्त्वा सत्त्व pos=n,g=f,c=1,n=s
अशोभत शुभ् pos=v,p=3,n=s,l=lan
आर्या आर्या pos=n,g=f,c=1,n=s
वदनेन वदन pos=n,g=n,c=3,n=s
शुक्ले शुक्ल pos=n,g=m,c=7,n=s
शीतांशुना शीतांशु pos=n,g=m,c=3,n=s
रात्रिः रात्रि pos=n,g=f,c=1,n=s
इव इव pos=i
उदितेन उदि pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part