रामायणम् — 5.26.12
Original
Segmented
अनन्य-देव-त्वम् इयम् क्षमा च भूमौ च शय्या नियमः च धर्मे पतिव्रता-त्वम् विफलम् मे इदम् कृतम् कृतघ्नेषु इव मानुषाणाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनन्य | अनन्य | pos=a,comp=y |
देव | देव | pos=n,comp=y |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
क्षमा | क्षमा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
भूमौ | भूमि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
शय्या | शय्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
नियमः | नियम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
धर्मे | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पतिव्रता | पतिव्रता | pos=n,comp=y |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
विफलम् | विफल | pos=a,g=n,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
कृतघ्नेषु | कृतघ्न | pos=a,g=m,c=7,n=p |
इव | इव | pos=i |
मानुषाणाम् | मानुष | pos=n,g=m,c=6,n=p |