Original

आनीतासि समुद्रस्य पारमन्यैर्दुरासदम् ।रावणान्तःपुरं घोरं प्रविष्टा चासि मैथिलि ॥ २५ ॥

Segmented

आनीता असि समुद्रस्य पारम् अन्यैः दुरासदम् रावण-अन्तःपुरम् घोरम् प्रविष्टा च असि मैथिलि

Analysis

Word Lemma Parse
आनीता आनी pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
असि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
समुद्रस्य समुद्र pos=n,g=m,c=6,n=s
पारम् पार pos=n,g=n,c=2,n=s
अन्यैः अन्य pos=n,g=m,c=3,n=p
दुरासदम् दुरासद pos=a,g=n,c=2,n=s
रावण रावण pos=n,comp=y
अन्तःपुरम् अन्तःपुर pos=n,g=n,c=2,n=s
घोरम् घोर pos=a,g=n,c=2,n=s
प्रविष्टा प्रविश् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
pos=i
असि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
मैथिलि मैथिली pos=n,g=f,c=8,n=s