रामायणम् — 5.18.31
Original
Segmented
मम हि असित-केशान्ते त्रैलोक्य-प्रवर स्त्रियः ताः त्वा परिचरिष्यन्ति श्रियम् अप्सरसो यथा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
हि | हि | pos=i |
असित | असित | pos=a,comp=y |
केशान्ते | केशान्त | pos=n,g=f,c=8,n=s |
त्रैलोक्य | त्रैलोक्य | pos=n,comp=y |
प्रवर | प्रवर | pos=a,g=f,c=1,n=p |
स्त्रियः | स्त्री | pos=n,g=f,c=1,n=p |
ताः | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
त्वा | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
परिचरिष्यन्ति | परिचर् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
श्रियम् | श्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अप्सरसो | अप्सरस् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
यथा | यथा | pos=i |