रामायणम् — 5.18.22
Original
Segmented
प्रतिकर्मन्-अभिसंयुक्ता दाक्षिण्येन वर-आनने भुङ्क्ष्व भोगान् यथाकामम् पिब भीरु रमस्व च यथेष्टम् च प्रयच्छ त्वम् पृथिवीम् वा धनानि च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रतिकर्मन् | प्रतिकर्मन् | pos=n,comp=y |
अभिसंयुक्ता | अभिसंयुज् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
दाक्षिण्येन | दाक्षिण्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
वर | वर | pos=a,comp=y |
आनने | आनन | pos=n,g=f,c=8,n=s |
भुङ्क्ष्व | भुज् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भोगान् | भोग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
यथाकामम् | यथाकाम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
पिब | पा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भीरु | भीरु | pos=a,g=f,c=8,n=s |
रमस्व | रम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
च | च | pos=i |
यथेष्टम् | यथेष्ट | pos=a,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
प्रयच्छ | प्रयम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
पृथिवीम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
वा | वा | pos=i |
धनानि | धन | pos=n,g=n,c=2,n=p |
च | च | pos=i |