Original

त्वां कृत्वोपरतो मन्ये रूपकर्ता स विश्वकृत् ।न हि रूपोपमा त्वन्या तवास्ति शुभदर्शने ॥ १३ ॥

Segmented

त्वाम् कृत्वा उपरतः मन्ये रूप-कर्ता स विश्वकृत् न हि रूप-उपमा तु अन्या ते अस्ति शुभ-दर्शने

Analysis

Word Lemma Parse
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
कृत्वा कृ pos=vi
उपरतः उपरम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मन्ये मन् pos=v,p=1,n=s,l=lat
रूप रूप pos=n,comp=y
कर्ता कर्तृ pos=a,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
विश्वकृत् विश्वकृत् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
हि हि pos=i
रूप रूप pos=n,comp=y
उपमा उपम pos=a,g=f,c=1,n=s
तु तु pos=i
अन्या अन्य pos=n,g=f,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
अस्ति अस् pos=v,p=3,n=s,l=lat
शुभ शुभ pos=a,comp=y
दर्शने दर्शन pos=n,g=f,c=8,n=s