रामायणम् — 5.18.13
Original
Segmented
त्वाम् कृत्वा उपरतः मन्ये रूप-कर्ता स विश्वकृत् न हि रूप-उपमा तु अन्या ते अस्ति शुभ-दर्शने
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
उपरतः | उपरम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
रूप | रूप | pos=n,comp=y |
कर्ता | कर्तृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विश्वकृत् | विश्वकृत् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
रूप | रूप | pos=n,comp=y |
उपमा | उपम | pos=a,g=f,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
अन्या | अन्य | pos=n,g=f,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
शुभ | शुभ | pos=a,comp=y |
दर्शने | दर्शन | pos=n,g=f,c=8,n=s |