रामायणम् — 5.15.24
Original
Segmented
अशोक-वनिका-मध्ये शोक-सागरम् आप्लुताम् ताभिः परिवृताम् तत्र सग्रहाम् इव रोहिणीम् ददर्श हनुमान् देवीम् लताम् अकुसुमाम् इव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अशोक | अशोक | pos=n,comp=y |
वनिका | वनिका | pos=n,comp=y |
मध्ये | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शोक | शोक | pos=n,comp=y |
सागरम् | सागर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आप्लुताम् | आप्लु | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
ताभिः | तद् | pos=n,g=f,c=3,n=p |
परिवृताम् | परिवृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
तत्र | तत्र | pos=i |
सग्रहाम् | सग्रह | pos=a,g=f,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
रोहिणीम् | रोहिणी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
हनुमान् | हनुमन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
देवीम् | देवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
लताम् | लता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अकुसुमाम् | अकुसुम | pos=a,g=f,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |