Original

संतुष्टा फलमूलेन भर्तृशुश्रूषणे रता ।या परां भजते प्रीतिं वनेऽपि भवने यथा ॥ २० ॥

Segmented

संतुष्टा फल-मूलेन भर्तृ-शुश्रूषणे रता या पराम् भजते प्रीतिम् वने ऽपि भवने यथा

Analysis

Word Lemma Parse
संतुष्टा संतुष् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
फल फल pos=n,comp=y
मूलेन मूल pos=n,g=n,c=3,n=s
भर्तृ भर्तृ pos=n,comp=y
शुश्रूषणे शुश्रूषण pos=n,g=n,c=7,n=s
रता रम् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
या यद् pos=n,g=f,c=1,n=s
पराम् पर pos=n,g=f,c=2,n=s
भजते भज् pos=v,p=3,n=s,l=lat
प्रीतिम् प्रीति pos=n,g=f,c=2,n=s
वने वन pos=n,g=n,c=7,n=s
ऽपि अपि pos=i
भवने भवन pos=n,g=n,c=7,n=s
यथा यथा pos=i