रामायणम् — 5.12.37
Original
Segmented
सो ऽपश्यद् भूमि-भागान् च गर्त-प्रस्रवणानि च सुवर्ण-वृक्षान् अपरान् ददर्श शिखि-संनिभान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपश्यद् | पश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भूमि | भूमि | pos=n,comp=y |
भागान् | भाग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
गर्त | गर्त | pos=n,comp=y |
प्रस्रवणानि | प्रस्रवण | pos=n,g=n,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
सुवर्ण | सुवर्ण | pos=n,comp=y |
वृक्षान् | वृक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अपरान् | अपर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
शिखि | शिखिन् | pos=n,comp=y |
संनिभान् | संनिभ | pos=a,g=m,c=2,n=p |