रामायणम् — 5.11.48
Original
Segmented
एवम् बहुविधम् दुःखम् मनसा धारय् मुहुः न अध्यगच्छत् तदा पारम् शोकस्य कपि-कुञ्जरः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवम् | एवम् | pos=i |
बहुविधम् | बहुविध | pos=a,g=n,c=2,n=s |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
धारय् | धारय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
मुहुः | मुहुर् | pos=i |
न | न | pos=i |
अध्यगच्छत् | अधिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तदा | तदा | pos=i |
पारम् | पार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शोकस्य | शोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
कपि | कपि | pos=n,comp=y |
कुञ्जरः | कुञ्जर | pos=n,g=m,c=1,n=s |