रामायणम् — 5.11.32
Original
Segmented
भर्तृ-जेन तु शोकेन अभिभूता वनौकसः शिरांसि अभिहनिष्यन्ति तलैः मुष्टिभिः एव च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भर्तृ | भर्तृ | pos=n,comp=y |
जेन | ज | pos=a,g=m,c=3,n=s |
तु | तु | pos=i |
शोकेन | शोक | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अभिभूता | अभिभू | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
वनौकसः | वनौकस् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शिरांसि | शिरस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
अभिहनिष्यन्ति | अभिहन् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
तलैः | तल | pos=n,g=m,c=3,n=p |
मुष्टिभिः | मुष्टि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |