Original

दुष्करं कृतवान्कर्म त्वमिदं वानरोत्तम ।निपत्य मम शृङ्गेषु विश्रमस्व यथासुखम् ॥ ९८ ॥

Segmented

दुष्करम् कृतवान् कर्म त्वम् इदम् वानर-उत्तम निपत्य मम शृङ्गेषु विश्रमस्व यथासुखम्

Analysis

Word Lemma Parse
दुष्करम् दुष्कर pos=a,g=n,c=2,n=s
कृतवान् कृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
कर्म कर्मन् pos=n,g=n,c=2,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s
वानर वानर pos=n,comp=y
उत्तम उत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
निपत्य निपत् pos=vi
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
शृङ्गेषु शृङ्ग pos=n,g=n,c=7,n=p
विश्रमस्व विश्रम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
यथासुखम् यथासुखम् pos=i