रामायणम् — 5.1.88
Original
Segmented
काकुत्स्थस्य आनृशंस्यम् च मैथिल्याः च विवासनम् श्रमम् च प्लवग-इन्द्रस्य समीक्ष्य उत्थातुम् अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
काकुत्स्थस्य | काकुत्स्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
आनृशंस्यम् | आनृशंस्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
मैथिल्याः | मैथिली | pos=n,g=f,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
विवासनम् | विवासन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रमम् | श्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
प्लवग | प्लवग | pos=n,comp=y |
इन्द्रस्य | इन्द्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
उत्थातुम् | उत्था | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |