रामायणम् — 5.1.62
Original
Segmented
पतत्-पतङ्ग-संकाशः व्यायतः शुशुभे कपिः प्रवृद्ध इव मातंगः कक्ष्यया बध्यमानया
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पतत् | पत् | pos=va,comp=y,f=part |
पतङ्ग | पतंग | pos=n,comp=y |
संकाशः | संकाश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्यायतः | व्यायम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शुशुभे | शुभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कपिः | कपि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रवृद्ध | प्रवृध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
मातंगः | मातंग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कक्ष्यया | कक्ष्या | pos=n,g=f,c=3,n=s |
बध्यमानया | बन्ध् | pos=va,g=f,c=3,n=s,f=part |