रामायणम् — 5.1.188
Original
Segmented
स चारु-नानाविध-रूप-धारी परम् समासाद्य समुद्र-तीरम् परैः अशक्य-प्रतिपन्न-रूपः समीक्ः-आत्मा समवेक्ः-अर्थः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चारु | चारु | pos=a,comp=y |
नानाविध | नानाविध | pos=a,comp=y |
रूप | रूप | pos=n,comp=y |
धारी | धारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
समासाद्य | समासादय् | pos=vi |
समुद्र | समुद्र | pos=n,comp=y |
तीरम् | तीर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
परैः | पर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अशक्य | अशक्य | pos=a,comp=y |
प्रतिपन्न | प्रतिपद् | pos=va,comp=y,f=part |
रूपः | रूप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समीक्ः | समीक्ष् | pos=va,comp=y,f=part |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समवेक्ः | समवेक्ष् | pos=va,comp=y,f=part |
अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |