रामायणम् — 5.1.187
Original
Segmented
ततः शरीरम् संक्षिप्य तत् महीधर-संनिभम् पुनः प्रकृतिम् आपेदे वीत-मोहः इव आत्मवान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
शरीरम् | शरीर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
संक्षिप्य | संक्षिप् | pos=vi |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
महीधर | महीधर | pos=n,comp=y |
संनिभम् | संनिभ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
प्रकृतिम् | प्रकृति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आपेदे | आपद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
वीत | वी | pos=va,comp=y,f=part |
मोहः | मोह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
आत्मवान् | आत्मवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |