Original

स महामेघसंकाशं समीक्ष्यात्मानमात्मना ।निरुन्धन्तमिवाकाशं चकार मतिमान्मतिम् ॥ १८५ ॥

Segmented

स महा-मेघ-संकाशम् समीक्ष्य आत्मानम् आत्मना निरुन्धन्तम् इव आकाशम् चकार मतिमान् मतिम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
मेघ मेघ pos=n,comp=y
संकाशम् संकाश pos=n,g=m,c=2,n=s
समीक्ष्य समीक्ष् pos=vi
आत्मानम् आत्मन् pos=n,g=m,c=2,n=s
आत्मना आत्मन् pos=n,g=m,c=3,n=s
निरुन्धन्तम् निरुध् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
इव इव pos=i
आकाशम् आकाश pos=n,g=n,c=2,n=s
चकार कृ pos=v,p=3,n=s,l=lit
मतिमान् मतिमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
मतिम् मति pos=n,g=f,c=2,n=s