रामायणम् — 5.1.172
Original
Segmented
स ताम् बुद्ध्वा अर्थ-तत्त्वेन सिंहिकाम् मतिमान् कपिः व्यवर्धत महा-कायः प्रावृषि इव बलाहकः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
बुद्ध्वा | बुध् | pos=vi |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
तत्त्वेन | तत्त्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
सिंहिकाम् | सिंहिका | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मतिमान् | मतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कपिः | कपि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्यवर्धत | विवृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
कायः | काय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रावृषि | प्रावृष् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
इव | इव | pos=i |
बलाहकः | बलाहक | pos=n,g=m,c=1,n=s |