Original

अर्थसिद्ध्यै हरिश्रेष्ठ गच्छ सौम्य यथासुखम् ।समानय च वैदेहीं राघवेण महात्मना ॥ १५५ ॥

Segmented

अर्थ-सिद्धये हरि-श्रेष्ठ गच्छ सौम्य यथासुखम् समानय च वैदेहीम् राघवेण महात्मना

Analysis

Word Lemma Parse
अर्थ अर्थ pos=n,comp=y
सिद्धये सिद्धि pos=n,g=f,c=4,n=s
हरि हरि pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
गच्छ गम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
सौम्य सौम्य pos=a,g=m,c=8,n=s
यथासुखम् यथासुखम् pos=i
समानय समानी pos=v,p=2,n=s,l=lot
pos=i
वैदेहीम् वैदेही pos=n,g=f,c=2,n=s
राघवेण राघव pos=n,g=m,c=3,n=s
महात्मना महात्मन् pos=a,g=m,c=3,n=s