रामायणम् — 5.1.153
Original
Segmented
प्रविष्टो ऽस्मि हि ते वक्त्रम् दाक्षायणि नमो ऽस्तु ते गमिष्ये यत्र वैदेही सत्यम् च अस्तु वचः ते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रविष्टो | प्रविश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
हि | हि | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वक्त्रम् | वक्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दाक्षायणि | दाक्षायणी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
नमो | नमस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ऽस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
गमिष्ये | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
यत्र | यत्र | pos=i |
वैदेही | वैदेही | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सत्यम् | सत्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |