रामायणम् — 5.1.121
Original
Segmented
भूयस् च ऊर्ध्व-गतिम् प्राप्य गिरिम् तम् अवलोकयन् वायुसूनुः निरालम्बे जगाम विमले ऽम्बरे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भूयस् | भूयस् | pos=i |
च | च | pos=i |
ऊर्ध्व | ऊर्ध्व | pos=a,comp=y |
गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
गिरिम् | गिरि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अवलोकयन् | अवलोकय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वायुसूनुः | वायुसूनु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
निरालम्बे | निरालम्ब | pos=a,g=n,c=7,n=s |
जगाम | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
विमले | विमल | pos=a,g=n,c=7,n=s |
ऽम्बरे | अम्बर | pos=n,g=n,c=7,n=s |