Original

भूयश्चोर्ध्वगतिं प्राप्य गिरिं तमवलोकयन् ।वायुसूनुर्निरालम्बे जगाम विमलेऽम्बरे ॥ १२१ ॥

Segmented

भूयस् च ऊर्ध्व-गतिम् प्राप्य गिरिम् तम् अवलोकयन् वायुसूनुः निरालम्बे जगाम विमले ऽम्बरे

Analysis

Word Lemma Parse
भूयस् भूयस् pos=i
pos=i
ऊर्ध्व ऊर्ध्व pos=a,comp=y
गतिम् गति pos=n,g=f,c=2,n=s
प्राप्य प्राप् pos=vi
गिरिम् गिरि pos=n,g=m,c=2,n=s
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
अवलोकयन् अवलोकय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
वायुसूनुः वायुसूनु pos=n,g=m,c=1,n=s
निरालम्बे निरालम्ब pos=a,g=n,c=7,n=s
जगाम गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
विमले विमल pos=a,g=n,c=7,n=s
ऽम्बरे अम्बर pos=n,g=n,c=7,n=s